Saturday 23 December 2017

मुंबई अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र महोत्सव 2018 को ज़बरदस्त प्रतिक्रिया मिली; स्वर्ण एवं रजत शंख पुरस्कारों के लिये 792 फिल्में कतार में

स्वर्ण शंख पुरस्कार के लिये पुरस्कार राशि दोगुनी की गई, अब दस लाख रुपये 

वृत्तचित्रों, लघु एवं एनीमेशन फिल्मों के लिये मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, जिसको प्रचलन में एमआईएफएफ कहते हैं और भारत में जिसकी सभी को प्रतीक्षा रहती है, का 28 जनवरी 2018 को मुंबई के राष्ट्रीय प्रदर्शन-कला केंद्र में भव्य उद्घाटन होगा । सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्रों, लघु कहानियों एवं एनीमेशन फिल्मों के हफ़्ते भर चलने वाले कार्यक्रम का समापन 3 फरवरी को होगा ।  
दक्षिण एशिया में ग़ैर-फीचर फिल्मों के सबसे पुराने और सबसे बड़े फिल्म महोत्सव, जिसकी शुरुआत 1990 में हुई, का आयोजन भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के फिल्म प्रभाग द्वारा किया जाता है । एमआईएफएफ की आयोजन समिति के अध्यक्ष सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव होते हैं और इसमें प्रतिष्ठित फिल्मी हस्तियां, वृत्तचित्र निर्माता और फिल्म आलोचक शामिल होते हैं ।
भारत और विश्व की संपन्न वृत्तचित्र परम्परा को दर्शाते हुए एमआईएफएफ के पंद्रहवें संस्करण की प्रतिक्रिया ज़बरदस्त रही । महोत्सव निदेशालय को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में 32 देशों से 194 आवेदनों एवं राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में 596 आवेदनों के साथ रिकॉर्ड 790 आवेदन प्राप्त हुए । आवेदनों का मूल्यांकन कर अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा खंडों में अनुशंसा करने के लिये चयन समितियों का गठन किया गया ।  
वृत्तचित्र आंदोलन को जोरदार प्रोत्साहन देने के लिये सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र हेतु स्वर्ण शंख पुरस्कार के अंतर्गत मिलने वाली धनराशि को दोगुना, पूर्व के पांच लाख से बढ़ाकर दस लाख, करने का अनुमोदन कर दिया । 
सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र, सर्वश्रेष्ठ लघु कहानी एवं सर्वश्रेष्ठ एनीमेशन फिल्म जैसे वर्गों में अच्छी खासी धनराशि समेत स्वर्ण शंख, रजत शंख एवं ट्रॉफियां प्रतिस्पर्धा का हिस्सा हैं । इसके अतिरिक्त सर्वश्रेष्ठ छायांकन, सम्पादन एवं ध्वनि मुद्रण के लिये तकनीकी पुरस्कार दिये जाएंगे । साथ ही अन्य विशेष पुरस्कार प्रमोद पाटिल स्पेशल ज्यूरी पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी फिल्म एवं सर्वश्रेष्ठ प्रथम फिल्म पुरस्कार हैं, सभी में ट्रॉफी एवं नकद राशि का प्रावधान है । भारतीय वृत्तचित्र निर्माता संस्थान (आईडीपीए) एवं महाराष्ट्र सरकार ने दादासाहेब फाल्के चित्रनगरी के ज़रिये फिल्म प्रभाग के साथ मिलकर इन पुरस्कारों का गठन किया है ।    
अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिये सर्वश्रेष्ठ फिल्म के चयन हेतु महोत्सव निदेशालय भारत एवं विदेश से प्रतिष्ठित फिल्म निर्माताओं से बनी दो चयन मंडलों का गठन कर रहा है ।  
विभिन्न प्रतिस्पर्धा वर्गों में फिल्मों के अलावा विशेष पैकेज के अंतर्गत भारत एवं विदेश में निर्मित सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र, लघु एवं एनीमेशन फिल्में भी प्रदर्शित की जाएंगी । रूसी एवं तुर्की एनीमेशन फिल्में, फ्रांस की लघु फिल्में एनएफएआई के अभिलेखकीय पैकेज, दक्षिण पूर्व एशिया की फिल्मों के विशेष पैकेज आयोजित किये जा रहे हैं । श्रद्धांजलि वर्ग में भी फिल्मों का प्रदर्शन होगा ।   
इसके अतिरिक्त फिल्म निर्माताओं और अभिनेताओं को एक भरपूर अनुभव करवाने के लिये महोत्सव के दौरान छायांकन एवं पिचिंग कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा । मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के मौजूदा संस्करण के दौरान वृत्तचित्र निर्माताओं की मदद के लिये फिक्की एक आर्थिक मंच की तैयारी कर रहा है ताकि देश और विदेश में फिल्म निर्माताओं का वित्तपोषण हो जाए और उनको प्रदर्शन मंच प्रदान किया जा सके । प्रस्ताव आरम्भिक अवस्था में है ।   
भारत में वृत्तचित्र आंदोलन को प्रोत्साहन देने के लिये प्रतिष्ठित वी शांताराम लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार एक संवतंत्र ज्यूरी द्वारा चुने गए वृत्तचित्र निर्माता को प्रदान किया जाएगा । इस पुरस्कार के लिये भी धनराशि दोगुनी, पूर्व के पांच लाख रुपये की बजाय दस लाख रुपये, कर दी गई है । एमआईएफएफ 2018 के दौरान 5.8 मिलियन (58 लाख रुपये) के पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे ।  
जहां फीचर फिल्में लोगों की मनोरंजन आवश्यकताओं की पूर्ति करती हैं, वहीं वृत्तचित्र लोगों की सूचना आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं । एमआईएफएफ को आमजन का महोत्सव बनाने के प्रयास स्वरूप प्रतिनिधियों की फीस मात्र सौ रुपये रखी गई है, वहीं विद्यार्थी प्रतिनिधियों के लिये कोई फीस नहीं होगी । फिल्मों का प्रदर्शन मुंबई में 24 पेद्दर रोड स्थित फिल्म प्रभाग परिसर एवं निकट स्थित रूसी सांस्कृतिक केंद्र में 29 जनवरी से किया जाएगा । मुंबई आएं और वृत्तचित्र आंदोलन का उत्सव मनाएं । 
फिल्म प्रभागः वर्ष 1948 में स्थापित फिल्म प्रभाग ने भारत के वृत्तचित्र आंदोलन की अगुवाई की है । एक स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर संस्था ने न्यूज़रील की श्रृंखला एवं इण्डियन न्यूज़ रिव्यू के ज़रिये भारत के रुपान्तरण को संलेख तैयार किया है जो आज एक संपन्न अभिलेखकीय चलचित्र कोष है । पिछले वर्षों में फिल्म प्रभाग ने 9000 से अधिक टाइटल निर्मित किये हैं, जिनमें से 2000 का मूल्य चिरस्थायी है । स्वयं वृत्तचित्र निर्माण का बीड़ा उठाने के अलावा फिल्म प्रभाग अपनी बाह्य फिल्म निर्माण योजना के अंतर्गत स्वतंत्र वृत्तचित्र निर्माताओं की सहायता भी करता है । हाल ही में प्रभाग ने वृत्तचित्र एवं लघु फिल्मों के निर्माण में रत नागरिक संस्थाओं (ग़ैर सरकारी संस्थाओं) को निर्माण हेतु चंदा देकर उनसे हाथ भी मिलाया है । 
 *****
वीके/एबी/एमएस– 5646

No comments:

Post a Comment